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Wednesday 15 October 2014

SKC - Poetry



                                     
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Wednesday 27 August 2014

चाहता था मैं भी, प्यार को दिलों के तराजू पर तोलना
पर न जानता था, दूसरा पलडा इस कदर हल्का होगा......।
अपनी खूशबू न देने वाले सुन्दर फूलों से तो, वो काँटे अच्छे है। जो अपना दर्द ही सही पर बाटंते तो है।।

Monday 25 August 2014


देश धर्म जाति ना होती , होते बस इंसान
करो कल्पना तुम पाओगे ,दुनिया स्वर्ग समान

Friday 13 June 2014

**सपने**

सपने टूटते हैं बिखरते है खिलौनों की तरहा
पर यकीनन ऐसा हर बार नहीं होता...!!

Thursday 12 June 2014

चल रहे है

चल रहे है हम भी कदम दर कदम, चल रहे हो तुम भी कदम दर कदम
साथ सिर्फ कदमों का ही तो है, जो एक दिन श्वासों पर जा रूकेगा..........!

Monday 2 June 2014

सच और झूठ

हम सच्चाई की ठोकरो में किस्मत आजमाते रह गये
वो झूठ के पंखो से भी वेखोफ उड़ा करते है .................!